Dr. Manmohan Singh Passed Away: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह को तबीयत बिगड़ने के बाद दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वे लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। शाम करीब 8 बजे उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली स्थित एम्स के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉ. मनमोहन सिंह, जो दो बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके थे, लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और कई बार अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराए जा चुके थे। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है, और उनके योगदान को याद करते हुए लोग भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. मनमोहन सिंह ने 2006 में अपनी दूसरी बाईपास सर्जरी कराई थी, जिसके बाद से उनकी तबीयत लगातार कमजोर बनी रही। गुरुवार को सांस लेने में परेशानी और बेचैनी महसूस होने पर उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पश्चिमी पंजाब के गाह (वर्तमान में पाकिस्तान) में हुआ था।
RBI किंग गवर्नर रह चुके हैं मनमोहन सिंह
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने लंबे और प्रभावशाली करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। 1982 से 1985 तक उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर के रूप में कार्य किया और बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए, जिन्हें आज भी सराहा जाता है। इसके बाद, 1985 से 1987 के बीच, वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में भारतीय योजना आयोग के प्रमुख रहे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी अपनी सेवाएं दीं, जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रभाव और मजबूत हुआ।
देश के आर्थिक सुधारो के लिए याद किए जाएंगे मनमोहन सिंह
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को देश के आर्थिक सुधारों के अग्रदूत के रूप में याद किया जाएगा। 1991 में, जब देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था, डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण की नीतियों को लागू किया। इन सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को न केवल स्थिर किया, बल्कि इसे वैश्विक बाजार के लिए भी खोल दिया।
उनकी नीतियों के परिणामस्वरूप विदेशी निवेश में वृद्धि हुई, निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन मिला, और देश के आर्थिक विकास को नई गति मिली। उनके योगदान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया, और उन्हें पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया।
डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल केवल आर्थिक सुधारों तक सीमित नहीं था। वे 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रहे, जहां उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई दूरगामी सुधार किए। इसके बाद, 1985 से 1987 तक उन्होंने भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।