केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की विधेयक को लागू करने के लिए मंजूरी दे दी है, लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव कराना है। इस सत्र में इसको पेश किया जाएगा।
पता चला है कि दोनों विधेयक संभवतः संसद के वर्तमान सत्र के दौरान पेश किये जायेंगे तथा व्यापक समीक्षा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजे जायेंगे।
गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक साथ चुनाव लागू करने के लिए दो विधेयकों को मंजूरी दी: एक संविधान में संशोधन करके लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए संयुक्त चुनाव की अनुमति देने के लिए, और दूसरा दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनावों को एक साथ करने के लिए। यह संसद में एक विशेष संवैधानिक चर्चा की पूर्व संध्या पर आया।
बताया जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के चलते दोनों विधेयक शुक्रवार या सोमवार को संसद में पेश किए जा सकते हैं। उसके बाद उन्हें आगे की राय के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा। भाजपा के एक सूत्र के अनुसार, यह केवल प्रस्तावना होगी और सदन कुछ ही मिनटों में जेपीसी का गठन कर देगा।
तमाम सरकारी सूत्रों से पता चला है कि कैबिनेट से गुरुवार को पास विधायक को बिना किसी परिवर्तन के संसद द्वारा पारित किया जाता है ,2034 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने की संभावना है ।पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में एक नया प्रावधान, अनुच्छेद 82 ए (1) जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक में “नियत तिथि” अधिसूचित करेंगे। इसमें अनुच्छेद 82 ए (2) जोड़ने का भी प्रस्ताव किया गया है, जिसमें कहा गया है कि “नियत तिथि” के बाद निर्वाचित राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति के साथ संरेखित करने के लिए कम किया जाएगा।
क्या होगा “one nation one election” से
One nation one election से काफी फायदे होने वाले है जैसे कि जब जब चुनाव होता है तो अलग अलग प्रदेश में चुनाव होते है जिसमें सिक्योरिटी हर जगह लगानी होती है
चुनाव के समय पूरे प्रदेश में एक साथ चुनाव होगे तो कोई गड़बड़ी होने की भी संभावना कम होगी ।